Hindi sad shayari- लोग हर मोड़ पे रूक-रूक के सम्भलते क्यूँ है?,




लोग हर मोड़ पे रूक-रूक के सम्भलते क्यूँ है?,

अगर इतना डरते हैं तो घर से निकलते क्यूँ हैं? |

और मोड़ होता है जवानी का सम्भलने के लिए,

और सब लोग यहीं आकर फिसलते क्यूँ है?||







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