जज साहब: तुमहारी कोई अन्तिम ,ईच्छा है तो बताओ |

 



जज साहब: तुमहारी कोई अन्तिम ,ईच्छा है तो बताओ |

कैदी: दे दो फाँसी मुझे |

जज: हाँ तो सबुतों और गवाहों को मद्देनजर रखते हुए…

कैदी: एक एक... आखिरी ईच्छा है जज साहब!मुझे जाने दो साहब !

जज: ये अदालत कैदी को फाँसी की सजा सुनाती है!

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