देशभक्ति शायरी, अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं.


 

अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।


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