इस झुठे बाजार में, इश्क ही सच्चा था,तुम्हारे जाने से पहले,सब कुछ अच्छा था|ना जाने हौंसले गुम से हो गये कहीं, तुमसे अच्छा वाफादार तो रामलाल का कुत्ता था||
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